नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिक पंजिका (NRC) बनाम सामाजिक नेतृत्व व भीड़-आंदोलन

Author — Vivek Umrao​​​​


Comments

26 responses to “नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिक पंजिका (NRC) बनाम सामाजिक नेतृत्व व भीड़-आंदोलन”

  1. अशोक सिंह रघुवंशी

    ई बुक NRC CAA पर अच्छी समझ विकसित करने में सक्षम है।

    1. Vivek Umrao Glendenning

      धन्यवाद अशोक सिंह रघुवंशी जी

      1. , MD Ishteyaque Alam

        सहमत

        1. vivekumaro.org

          धन्यवाद

    2. SACHIN TIWARI

      सहमत

      1. vivekumaro.org

        धन्यवाद

  2. Sunil Kumar

    अच्छी किताब है, अगर आप CAA और NRC का विरोध करते है नही करते है या तटस्थ रहते है, तब भी एक बार पढ़ने लायक है !

    1. vivekumaro.org

      धन्यवाद सुनील जी

  3. Nishant Rana

    वास्तविक सामाजिक नेतृत्व, चेतनशीलता को भीड़ तंत्र से बाहर निकाल फिर से पटल पर लाने के प्रयास हेतु धन्यवाद।

    1. vivekumaro.org

      धन्यवाद निशांत जी

  4. Anand kumar

    अच्छे से बताया आपने,,, जड़ से पत्ती तक आके ,,वास्तविक समझ तभी बन पाती है जब पूर्ण को समझा जाये,,ऐसा ही समझाया अपने।

    1. vivekumaro.org

      धन्यवाद आनंद जी

  5. Ashutosh Mitra

    साधुवाद और धन्यवाद!
    ऐसे ही सद्प्रयास, इस कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
    इसे सोशल मीडिया पर साझा कर रहा हूँ।
    सादर,

    1. vivekumaro.org

      जी बिलकुल साझा कीजिए। आपको धन्यवाद

  6. , MD Ishteyaque Alam

    एक न्यूट्रल भारतीय को समझ विकसित करने के वास्ते अच्छा है, तार्किक है। पर मैं एक बात कहूं तो श्रीलंका में जो हिन्दू प्रताड़ित हुए/होंगे, या पाकिस्तान में जो प्रगतिशील मुस्लिम्स प्रताड़ित होते हैं/होंगे उनके लिए…

    1. vivekumaro.org

      बात CAA व NRC की है, CAA हिंदुओं की नहीं अल्पसंख्यकों की बात करता है। श्रीलंका में संवैधानिक तौर पर किसी धर्म के साथ भेदभाव नहीं है। केवल श्रीलंका ही क्यों, दुनिया के लगभग हर देश में अल्पसंख्यक हैं, उन सबको भारत में बुला लेना चाहिए। प्रगतिशील लोग तो लगभग दुनिया के हर देश में प्रताड़ित होते हैं। प्रगतिशील होने का मतलब यह नहीं कि पलायन किया जाए। यदि पाकिस्तान में प्रगतिशील मुस्लिम हैं तो आंदोलन करें, पाकिस्तान को बेहतर बनाएं। यह कौन सी प्रगतिशीलता हुई कि अवैध रूप से किसी दूसरे देश में जाकर निवास करने लगें।

      CAA पाकिस्तान के प्रगतिशील मुस्लिमों को वैध तरीके से भारत की नागरिकता लेने से वंचित नहीं करता। यूं लगता है कि आपको कई गलतफहमियां हैं।

  7. Hayat Singh

    दादा, आपकी यह विवेचना, सदा की तरह बेहद संतुलित और तार्किक है। मैं उम्मीद करता हूँ कि लोग इसे पढ़ें और समझने की कोशिश करें।

    1. vivekumaro.org

      हयात भाई की जय हो

  8. तथ्यात्मक विश्लेषण एवं जानकारी से भरपूर।

    1. vivekumaro.org

      धन्यवाद एडवोकेट प्रशांत जी

  9. Rudra Partap

    तुम भाजपा के एजेंट हो और तुम्हारा डेटा बकबास हैं।

    1. vivekumaro.org

      आदरणीय प्रभुवर,

      यदि मैं चाहता तो आपकी यह वाहियात टिप्पणी को अप्रूवल नहीं देता। लेकिन ऐसी टिप्पणियां भी होनी चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि भाजपा भक्तों व विरोधी-भक्तों के चरित्र में अंतर नहीं है। दोनों ही अलग-अलग पैकिंग के साथ एक ही जैसे होते हैं। जिनको समाज से रचनात्मक लेना देना नहीं होता।

      आपने किताब पढ़ी ही नहीं, यदि पढ़ा होता तो यह मालूम ही होता कि यह किताब डेटा पर आधारित है ही नहीं, तो डेटा बकवास होने का कोई औचित्य ही नहीं।

      आदरणीय यह फेसबुक की पोस्ट नहीं है, किताब है। किताब को ध्यान से पढ़ना पड़ता है, फेसबुक की पोस्ट पर पान की पीक थूंक कर भी जाया जा सकता है, लेकिन किताब पर थूंका नहीं जाता। आशा है कि आप भविष्य में आप थोड़ा संयम सीखेंगे।
      सादर प्रणाम।

  10. Ashwini Garg

    Iss purey sansar ki aadhi musibat dharm k naam pe hone wale tanav k bij se upaji hui jungle ki tarah hai ,Logo ne Dahrma ka galat Paribhasa bna liya hai , aapko sabhi dharmo k Basic structure per dhyan dena chahiye kyoki sabka Problem aur solution usi me hai , Aapko Ved , Quran , Bible , Torat pe khul kar likhna chahiye. Kyoki sbka hal usi se aapke samne aa jayega . Agar Tadad badhane wala majhab quality citizen paida nhi kr rha hai to wo iss dharti ko nark hi banayega . Jo Majhab apni behtari se jyada apne Tadad badhane me lga ho taki Uske majhab ka jhanda hi buland ho to ye kisi ko bardast nhi hoga . Aap please Sari Dharmik kitabo pe ek tipaani kijiye aur mujhe yaad kijiye . DHANYAWAD

    1. vivekumaro.org

      आपको मेरी किताब “मानसिक, सामाजिक, आर्थिक स्वराज्य की ओर” पढ़ना चाहिए, किताब निम्न लिंक पर जाकर क्रय की जा सकती है, किताब आपको स्पीड पोस्ट/कुरियर से भेज दी जाएगी।

      https://www.vivekumrao.org/vivek/books/book2015/

      .

      1. A. P Umrao

        Great work chach ji
        बहुत ही अच्छा विश्लेषण 🙏🙏

  11. अच्छी जानकारी, जो तमाम भ्रमों को दूर करने मे सहायक है।

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