भीलों की पदचाप

Author — Bhanwar Meghwanshi


Comments

8 responses to “भीलों की पदचाप”

  1. Subodh kumar patel

    इस पुस्तक के माध्यम से मुझे भील जाति के बारे में बहुत कुछ जान पाया, कि किस तरह से भील जाति के साथ ज्यादती हुई और अभी भी हो रही है।
    मेरा अपना अनुभव है जो कि कुछ लेखकों के द्वार लिखे गए लेख व कहानियों को पढ़कर प्राप्त हुआ, जिसमें “गोदान, नमक का दरोगा”प्रमुख हैं इसके अलावा आस पास समाज में हो रहे अत्याचारों और सोशनों से जाना है।
    मेरा अपना विचार है यदि सामन्त वादी शोषण और सामन्त बाद के अत्याचार से लड़ना है तो किसी एक जाति विशेष या समुदाय से परे होकर शोषित हो रहे समाज को एकत्रित करके ही ये लड़ाई लड़ी जा सकती है।
    ये काम बहुत कठिन है पर डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी ने जिस तरह से एक रास्ता बंद होने के उपरान्त दूसरे रास्ते को खोजा और सफल हुए। दबे कुचले समाज को ऊपर आने के लिए एक रास्ता तैयार किया

    1. vivekumaro.org

      धन्यवाद

  2. Ankit umrao patel

    बहुत कुछ जानने समझने को मिला इस अद्वतीय पुस्तक …

    1. vivekumaro.org

      धन्यवाद

  3. आदिवासी भील रमेश खड़ा

    भील उपत्ति के बारे में जो लिखा है ऐसा संभव है क्या ? अगर है तो कैसे ?

  4. आदिवासी भील रमेश खड़ा

    कितना जानते हो आदिवासी भील समुदाय के बारे में जो किताब लिखी और किताब लिखी अछि बात है पर हमारे आदिवासी भील समुदाय संस्कृति को कितने करीब से जाना है और समझा है। आदिवासी भील समुदाय का अभिवादन जोहार है ।और आदिवासी भील समुदाय में विवाह समजोता कैसे है ? क्या जानते हो इस के बारे में ओर भगोरिया पर्व के बारे में कितना अध्ययन किया है बस जो कुछ मिला लिखने को लिख दिया पहले उस पर अच्छे से अध्ययन करो ,अपने लिखा है अछी बात है पर ऐसा भी क्या लिखना जो हमारे आदिवासी समुदाय का नाम खराब करें ।😡

  5. आदिवासी भील रमेश खड़ा

    भगोरिया उसत्व है आदिवासी भील समुदाय के लिए नाचने गाने का ,ओर जो जरूरत का सामान होता है वो मेले में से खरीदते है घर के लिए ।भगोरिया में लड़की -लड़के के भागने-भगाने का कुछ नही है बस आदिवासी भील समुदाय को बदनाम करने के लिए कुछ भी लिख या बोल देते है अगर लड़के -लडकी को आपस मे पसंद आ जाते है तो उनके घर रिसता पहुचाया जाता है ना कि लेकर भागने है

  6. आदिवासी भील रमेश खड़ा

    कुछ जानकारी सही तो आधे से ज्यादा जानकारी गलत ,आदिवासी भील समुदाय को सही जानकारी देना ही नही चाहते हो बस गुलामी बनी रहे वही बाते लिख दी ।आदिवासी समुदाय अपनी संस्कृति को भी ना समझे उस के उसे उसके रीति रिवाज ही गलत है लिख कर बताना 😡 आखरी इतनी गलत जानकारी क्यो दे रहे हो हमारे आदिवासी भील समुदाय को जब आपने आदिवासी भील समुदाय को करीब जाना ही नही तो फिर लिखना ही क्यो गलत जानकारी ??

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