Author — Bhanwar Meghwanshi
भीलों की पदचाप
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8 responses to “भीलों की पदचाप”
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इस पुस्तक के माध्यम से मुझे भील जाति के बारे में बहुत कुछ जान पाया, कि किस तरह से भील जाति के साथ ज्यादती हुई और अभी भी हो रही है।
मेरा अपना अनुभव है जो कि कुछ लेखकों के द्वार लिखे गए लेख व कहानियों को पढ़कर प्राप्त हुआ, जिसमें “गोदान, नमक का दरोगा”प्रमुख हैं इसके अलावा आस पास समाज में हो रहे अत्याचारों और सोशनों से जाना है।
मेरा अपना विचार है यदि सामन्त वादी शोषण और सामन्त बाद के अत्याचार से लड़ना है तो किसी एक जाति विशेष या समुदाय से परे होकर शोषित हो रहे समाज को एकत्रित करके ही ये लड़ाई लड़ी जा सकती है।
ये काम बहुत कठिन है पर डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी ने जिस तरह से एक रास्ता बंद होने के उपरान्त दूसरे रास्ते को खोजा और सफल हुए। दबे कुचले समाज को ऊपर आने के लिए एक रास्ता तैयार किया-
धन्यवाद
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बहुत कुछ जानने समझने को मिला इस अद्वतीय पुस्तक …
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धन्यवाद
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भील उपत्ति के बारे में जो लिखा है ऐसा संभव है क्या ? अगर है तो कैसे ?
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कितना जानते हो आदिवासी भील समुदाय के बारे में जो किताब लिखी और किताब लिखी अछि बात है पर हमारे आदिवासी भील समुदाय संस्कृति को कितने करीब से जाना है और समझा है। आदिवासी भील समुदाय का अभिवादन जोहार है ।और आदिवासी भील समुदाय में विवाह समजोता कैसे है ? क्या जानते हो इस के बारे में ओर भगोरिया पर्व के बारे में कितना अध्ययन किया है बस जो कुछ मिला लिखने को लिख दिया पहले उस पर अच्छे से अध्ययन करो ,अपने लिखा है अछी बात है पर ऐसा भी क्या लिखना जो हमारे आदिवासी समुदाय का नाम खराब करें ।😡
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भगोरिया उसत्व है आदिवासी भील समुदाय के लिए नाचने गाने का ,ओर जो जरूरत का सामान होता है वो मेले में से खरीदते है घर के लिए ।भगोरिया में लड़की -लड़के के भागने-भगाने का कुछ नही है बस आदिवासी भील समुदाय को बदनाम करने के लिए कुछ भी लिख या बोल देते है अगर लड़के -लडकी को आपस मे पसंद आ जाते है तो उनके घर रिसता पहुचाया जाता है ना कि लेकर भागने है
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कुछ जानकारी सही तो आधे से ज्यादा जानकारी गलत ,आदिवासी भील समुदाय को सही जानकारी देना ही नही चाहते हो बस गुलामी बनी रहे वही बाते लिख दी ।आदिवासी समुदाय अपनी संस्कृति को भी ना समझे उस के उसे उसके रीति रिवाज ही गलत है लिख कर बताना 😡 आखरी इतनी गलत जानकारी क्यो दे रहे हो हमारे आदिवासी भील समुदाय को जब आपने आदिवासी भील समुदाय को करीब जाना ही नही तो फिर लिखना ही क्यो गलत जानकारी ??
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