🙏🙏प्फ़ोटो ई-बुक द्वारा आपका उपहार मुझे बहुत पसंद आया, आपकी बुक और इसमें की गई व्याख्या(सभी प्रजाति के पुष्पों की फ़ोटो) मुझे बहुत ही अच्छे लगे इनमे से कई तरह के फूल मैंने पहले कभी नही देखे😊😊
जबरदस्त|
दीपावली का इससे सुन्दर तोहफा हो नहीं सकता|
फिल्म डिविजन वालों की वो प्रस्तुति याद आ गयी पन्ने पलटते पलटते जो उन्होंने राष्ट्रीय एकता के नाम पर बनायी थी, शायद सत्तर के दशक में, “बेला, गुलाब, जूही, चम्पा, चमेली… फूल हैं अनेक किन्तु माला फिर एक है|” यहाँ हम “माला” को “किताब” या “संकलन” से बदल सकते हैं|
बहुत सुन्दर|
दीपावली की आदि और उसके माता पिता को बहुत बहुत बधाई|
दीपावली का बहुत प्यारा तोहफ़ा भेजा है। उपयुक्त विचार सुंदर संग्रह!!!!।कुछ फूल बहुत सुंदर हैं। ईबुक की परिकल्पना के लिए साधुवाद।देखने में सुविधाजनक है। आनंददायक तो है ही।
वाह, आनंदित मन, देख गृह उपवन, खिल उठा तन-मन, खुशबू फैले हर पल-क्षण, हंसता है कण-कण, विविधता का समावेश, ऐसा ही हो हर गृह-देश, प्रकृति-व्यक्ति का साझा खेल, विविधता संरक्षण, संवर्द्धन का मेल, परिवार है खूब भाग्यशाली, आओ बन जाएं ऐसे माली, विविधता को है फैलाना, पर्यावरण है हमें बचाना, संदेश घर घर में पहुंचाना, प्रकृति को समृद्ध बनाना।
रमेश चंद शर्मा, बा बापू 150,
बाबा संत विनोबा भावे 125
Damodar
October 28, 2019 @ 06:58
शानदार, बेहतरीन फोटो एवं फोटोग्राफी।
vivekumaro.org
October 28, 2019 @ 07:51
शुक्रिया
Sanjay kr jain
October 29, 2019 @ 18:24
प्रकृति के विविध रंग हम तक पहुंचाने के लिए धन्यवाद!!!
सुन्दर फोटोशूट!!!!
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October 30, 2019 @ 12:51
शुक्रिया जनाब
Jay
October 28, 2019 @ 07:07
Ratiye full konsha he
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October 28, 2019 @ 07:18
कौन सा वाला
Dhirraj Kumar
October 28, 2019 @ 07:29
So nice……
Novel idea ……such creativity could have been everywhere
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October 28, 2019 @ 07:51
धन्यवाद
Vinay Singh
October 28, 2019 @ 08:07
बेहतरीन ,बहुत ही खूबसूरत।
Mohammad Sharif
October 28, 2019 @ 07:37
Very Nice and Marvelleous
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October 28, 2019 @ 07:51
शरीफ भाई की जय हो
Rajendra
October 28, 2019 @ 08:34
बहुत ही सुंदर पुष्प। आपके सौंदर्य बोध को सलाम ।शुभ दीपावली।
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October 28, 2019 @ 08:40
जर्रानवाजी का शुक्रिया
पूजा तोमर
October 28, 2019 @ 07:49
🙏🙏प्फ़ोटो ई-बुक द्वारा आपका उपहार मुझे बहुत पसंद आया, आपकी बुक और इसमें की गई व्याख्या(सभी प्रजाति के पुष्पों की फ़ोटो) मुझे बहुत ही अच्छे लगे इनमे से कई तरह के फूल मैंने पहले कभी नही देखे😊😊
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October 28, 2019 @ 07:50
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
दीपक सौन
October 28, 2019 @ 07:50
जबरदस्त|
दीपावली का इससे सुन्दर तोहफा हो नहीं सकता|
फिल्म डिविजन वालों की वो प्रस्तुति याद आ गयी पन्ने पलटते पलटते जो उन्होंने राष्ट्रीय एकता के नाम पर बनायी थी, शायद सत्तर के दशक में, “बेला, गुलाब, जूही, चम्पा, चमेली… फूल हैं अनेक किन्तु माला फिर एक है|” यहाँ हम “माला” को “किताब” या “संकलन” से बदल सकते हैं|
बहुत सुन्दर|
दीपावली की आदि और उसके माता पिता को बहुत बहुत बधाई|
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October 28, 2019 @ 07:52
जर्रानवाजी के लिए शुक्रिया दीपक भाई
शीला डागा
October 28, 2019 @ 08:18
दीपावली का बहुत प्यारा तोहफ़ा भेजा है। उपयुक्त विचार सुंदर संग्रह!!!!।कुछ फूल बहुत सुंदर हैं। ईबुक की परिकल्पना के लिए साधुवाद।देखने में सुविधाजनक है। आनंददायक तो है ही।
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October 28, 2019 @ 08:26
सादर चरण स्पर्श
Vinay Singh
October 28, 2019 @ 08:04
बेहतरीन ,बहुत ही खूबसूरत।
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October 28, 2019 @ 08:14
धन्यवाद
Nishant Rana
October 28, 2019 @ 11:27
शानदार,
उपहार के लिए धन्यवाद 🌹🌹
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October 28, 2019 @ 11:31
धन्यवाद
Vikas Kumar poddar
October 28, 2019 @ 08:18
Bahut sundar sir
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October 28, 2019 @ 08:25
धन्यवाद
Ravi prakash
October 28, 2019 @ 08:24
बहुत खूबसूरत कितना आनंददायक अनुभव होगा वहां
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October 28, 2019 @ 08:26
जी बहुत मजा आता है
vineet
October 28, 2019 @ 08:38
गुरुजी फोटो बहुत ही अच्छी हैं
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October 28, 2019 @ 08:40
धन्यवाद
जीतेश द्विवेदी
October 28, 2019 @ 08:43
रूसो ने कहा था उपवन में फूल खिलते हैं वन में हँसते हैं लेकिन यहां तो उपवन में ही फूल मुस्कुरा रहे हैं•••••बहुत खूब दादा
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October 28, 2019 @ 09:00
गमला वाली संस्कृति में वह बात नहीं आ पाती। मुझे जंगली व प्राकृतिक स्वरूप अच्छा लगता है।
Abhishek Kumar Pandey
October 28, 2019 @ 09:11
निस्संदेह खुबसूरत संग्रह है, परन्तु अगर हर चित्र में पुष्प यि पौधे का सामान्य या वैज्ञानिक नाम लिखा होता तो यह और भी उपयोगी होता ।
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October 28, 2019 @ 09:26
जल्द ही होने की संभावना है
शिव शरण सिंह
October 28, 2019 @ 08:46
बहुत रोचक.
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October 28, 2019 @ 08:59
धन्यवाद
RK
October 28, 2019 @ 11:34
Very nice Vivek ji and Aadi 😊
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October 28, 2019 @ 11:35
धन्यवाद ऋषि भाई
रामानन्द
October 28, 2019 @ 11:35
दादा,सब कुछ बहुत बढ़िया है।😍❤
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October 28, 2019 @ 11:57
अहोभाग्य
रमेश चंद शर्मा
October 28, 2019 @ 13:04
वाह, आनंदित मन, देख गृह उपवन, खिल उठा तन-मन, खुशबू फैले हर पल-क्षण, हंसता है कण-कण, विविधता का समावेश, ऐसा ही हो हर गृह-देश, प्रकृति-व्यक्ति का साझा खेल, विविधता संरक्षण, संवर्द्धन का मेल, परिवार है खूब भाग्यशाली, आओ बन जाएं ऐसे माली, विविधता को है फैलाना, पर्यावरण है हमें बचाना, संदेश घर घर में पहुंचाना, प्रकृति को समृद्ध बनाना।
रमेश चंद शर्मा, बा बापू 150,
बाबा संत विनोबा भावे 125
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October 29, 2019 @ 03:49
आभार
Om hari patel
October 28, 2019 @ 13:10
बेहतरीन सग्रह मनमोहक अंदाज ए बयाँ
और आपका नया अवतार बहुत सुन्दर है
आदरणीय बड़े भाई जी🙏🙏
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October 29, 2019 @ 03:50
बहुत बहुत धन्यवाद
Vinay kumar
October 28, 2019 @ 14:08
इससे बेहतर व्यक्तिगत तौर से संकलित उपहार क्या होगा भाई ……किसी दिन जरूर लाइव देखने का अवसर मिलेगा
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October 29, 2019 @ 03:50
आपके आगमन का इंतजार है
Suresh Singh
October 28, 2019 @ 15:09
अतीव शोभनम
इनमें से अधिकांश फूल तो मेरे लिए बिल्कुल नए हैं।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
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October 29, 2019 @ 03:51
मेरे लिए भी कैनबरा आने के पहले तक कई नए ही थे
umesh
October 28, 2019 @ 15:16
good to see your home garden
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October 29, 2019 @ 03:51
पधारिए
Mrityunjay Prabhakar
October 29, 2019 @ 02:25
Such nice shots.. thanks a lot for sharing.
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October 29, 2019 @ 03:52
शुक्रिया
Rahul yadav
October 29, 2019 @ 09:01
शानदार e photo book
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October 29, 2019 @ 09:05
धन्यवाद
sidharath jha
October 29, 2019 @ 09:03
बहुत-बहुत धन्यवाद,बेहतरीन सग्रह,बहुत ही खूबसूरत फूलों के चित्र। काश सजीव दर्शन होते
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October 29, 2019 @ 09:06
कैनबरा की अगली बसंत में आ जाइए। फ्लोरियाड देख जाइए, एक महीने का फूलों का महोत्सव होता है।
Ashutosh Mitra
October 29, 2019 @ 12:22
वाह विवेक भाई!
काफी सुंदर संग्रह है. आँखों को तस्वीरों से ही सुकून मिल रहा है, सामने से देखने का आनंद तो निश्चय ही अनंत होगा.
धन्यवाद.
सादर.
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October 30, 2019 @ 12:49
आइए, आपका घर है
Vijendra Diwach
October 29, 2019 @ 12:44
बहुत ही खूबसूरत।असली बसंत तो आपके यहां है।हमारे तो बसंत के आने जाने का पता ही नहीं चलता।🌹🌹🙏 🙏
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October 30, 2019 @ 12:51
आपके यहां 10 महीने गर्मी, एक महीने सर्दी। बाकी एक महीने सर्दी से गर्मी व गर्मी से सर्दी में शिफ्ट होने में। हो गए 12 महीने।
ishteyaque alam
December 21, 2019 @ 13:31
ऐसे गुलिस्तां सजाने के लिए आप लोगों के जैसा ही दिल चाहिए. वाक़ई दिल बाग़-बाग़ हो गया |